
पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर 7 दिन का राजकीय शोक, आधा झुका तिरंगा –
प्रणब मुखर्जी कुछ दिन पहले ही कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे और उनकी हाल ही में ब्रेन सर्जरी भी की गई थी. प्रणब मुखर्जी को खराब स्वास्थ्य के कारण 10 अगस्त को दिल्ली के RR (रिसर्च एंड रेफरल) अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जमने के बाद ब्रेन सर्जरी हुई थी. उसी वक्त उनके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली थी.प्रणब मुखर्जी कुछ समय पहले अपने बाथरूम में फिसलकर गिर गए थे, जिसकी वजह से उनके दिमाग में ब्लड क्लॉटिंग हो गई थी. डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना के कारण फेफड़ों में इंफेक्शन और गुर्दों में खराबी आने की वजह से भी उनकी हालत काफी बिगड़ गई थी.ब्रेन में हुई ब्लड क्लॉटिंग को स्ट्रोक भी कहते हैं. ब्रेन की ब्लड क्लॉटिंग की वजह से अचानक और तेज सिरदर्द हो सकता है, बोलने या देखने में कठिनाई होती है और कई दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं. मस्तिष्क में खून का थक्का बनने से खून का प्रवाह रुक जाता है जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. प्रणब मुखर्जी साल 2012 में देश के राष्ट्रपति बने थे, 2017 तक वो राष्ट्रपति रहे. साल 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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राजनीतिक सफर में तीन पड़ाव जब लगा प्रणब दा प्रधानमंत्री बनेंगे
पहला – इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रणब मुखर्जी के नाम पर चर्चा अगले प्रधानमंत्री के रूप में भी हुई। मगर पार्टी ने राजीव गांधी को इस पद के लिए चुना। इस बार प्रणब दा को कैबिनेट में जगह नहीं मिली। नाराज होकर प्रणब दा ने साल 1986 में बंगाल में राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का गठन किया। ३ साल बाद राजीव गांधी और उनके बीच समझौता हुआ और राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का विलय कांग्रेस में हो गया।
दूसरा – 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रणब मुखर्जी को फिर प्रधानमंत्री पद का दावेदार माने गए । इस बार नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री बनाया गया। प्रणब दा को पहले योजना आयोग का उपाध्यक्ष और फिर विदेश मंत्री बनाया गया।
तीसरा – 2004 में फिर प्रणब मुखर्जी की जगह मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने ,सोनिया गांधी का भाजपा ने इसका विरोध जिसके कारण प्रणब दा का नाम फिर चर्चा में आया। लेकिन सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना। मनमोहन सिंह ने कहा मैं प्रधानमंत्री बना, तब प्रणब मुखर्जी इस पद के लिए ज्यादा काबिल थे, लेकिन मैं कर ही क्या सकता था? कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुझे चुना था।
कोर्ट का फैसला – प्रशांत भूषण जुर्माने की रकम एक रुपए जमा करेंगे, मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं-प्रशांत, लेकिन फैसले के खिलाफ अर्जी दायर करूंगा, कोर्ट में पुर्नविचार अर्जी दायर करूंगा।
जीडीपी में गिरावट – सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी 26.9 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है जो कि 2019-20 की पहली तिमाही में 35.35 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें 23.9 फीसदी की गिरावट देखी जा सकती है।’ सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास कर रही है लेकिन कोरोना महामारी के चलते अभी भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।
साल 1996 के बाद यह पहली बार है जब जीडीपी के तिमाही नतीजों में इतनी बड़ी गिरावट देखी गई है
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लाठीचार्ज – सपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का मामला, सपा छात्र सभा का कार्यकर्ता महेश बेहोश, 3 घंटे से महेश को होश ही नहीं आया, गंभीर हालत में महेश सिविल में भर्ती हुआ, सिविल की इमरजेंसी में चल रहा है इलाज, सिविल हॉस्पिटल में भारी पुलिस बल तैनात।
पुलिस का पोस्टर – बीते फरवरी माह से बीएचयू के लापता छात्र शिवकुमार त्रिवेदी की खोज के लिए पुलिस द्वारा उसकी गुमशुदगी का पोस्टर जारी कर दिया गया है। जारी किए गए पोस्टर में पुलिस ने बताया है कि बीएचयू के बीएससी द्वितीय वर्ष का छत्र बीते 12 फरवरी 2020 से छित्तूपुर लंका स्थित पंजाबी लाज के कमरे से मानसिक स्थित ठीक न होने के कारण कहीं चला गया है। जिसके सम्बंध में छात्र के पिता प्रदीप कुमार त्रिवेदी द्वारा लंका थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी गई है।
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बेटियों की उड़ान – सीड डिविजन, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से साई इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी द्वारा संचालित सेंटरों पर डिजिटल इन्डिया कारपोरेशन, भारत सरकार के समन्वय स्थापित करके बनारस की बेटिया डिजिटल डिजाइन सीखकर अपने सपनो को न सिर्फ पंख दे रही है बल्कि उनके बनाये गए उत्पादों जैसे वुडेन क्राफ्ट (लकड़ी के खिलौने) पर मीनाकारी वर्क, कपडे पर बनी जरी जरदोजी डिजाइन एवं हाथ से बनी पेंटिग की मांग विदेशो से भी आने लगी है।
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स्मार्ट ट्रैकर यूनिफॉर्म – वाराणसी की तीन होनहार बेटियों ने इसका समाधान ढुंडते हुए एक ऐसी डिवाइस बनाया है, जिससे अब स्मार्ट ट्रैकर यूनिफॉर्म से बच्चों की लोकेशन ट्रेस की जा सकती है। इस डिवाइस को सिर्फ बच्चों के कपड़े में लगाना होगा। इस डिवाईस का नाम स्मार्ट ट्रैकर यूनिर्फाम है। इसी क्रम में अशोका इंस्टीट्यूट की इलेक्ट्रानिक कम्यूनिकेशन से इंजिनियरिंग कर रहीं छात्राएं आरती, संगीत और पूजा ने स्माईट ट्रैकर यूनिर्फाम डिवाइस बनाया है।