स्पेशल डेस्क / इन्नोवेस्ट न्यूज़
भारत सरकार ने चीन पर तीसरी डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 118 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगा दिए हैं और इसी के साथ भारत में बैन होने वाले एप्स की संख्या 224 पहुंच गई है। इन एप्स पर प्रतिबंध डाटा प्राइवेसी को लेकर किया गया है। 118 प्रतिबंधित एप्स में से PUBG Mobile टॉप पर है। भारत में पबजी मोबाइल यूजर्स की संख्या 175 मिलियन यानी करीब 17.5 करोड़ थी जो कि दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा थी। पबजी मोबाइल गेम के लोकप्रिय होने के बाद ही स्मार्टफोन की डिस्प्ले की रिफ्रेश रेट की बात होने लगी है, क्योंकि पबजी गेम के लिए हाई रिफ्रेश रेट वाली डिस्प्ले की जरूरत होती है। आइए उन पांच बदलावों के बारे में जानते हैं जो पबजी मोबाइल के बैन होने के बाद होने वाले हैं ।
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डिस्प्ले की रिफ्रेश रेट की होड़ बंद
पबजी बैन होने से मोबाइल कंपनियों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि अब उन्हें अपने फोन की डिस्प्ले की रिफ्रेश रेट को लेकर एक होड़ लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पबजी मोबाइल के कारण ही तमाम मोबाइल कंपनियों को 90Hz या 120Hz की रिफ्रेश रेट डिस्प्ले के साथ फोन को लॉन्च करना पड़ रहा था। आपको बता दें कि अधिक रिफ्रेश रेट के कारण फोन की बैटरी जल्दी खराब होती है।
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कैश प्राइज के साथ टूर्नामेंट
भारत समेत पूरी दुनिया में पबजी की लोकप्रियता का कारण कैश प्राइज भी था। पबजी मोबाइल के लिए रोज टूर्नामेंट होता था जिसमें एक साथ कई प्लेयर्स हिस्सा लेते थे और लाखों रुपये का मैच होता था। यह टूर्नामेंट राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर होता था। इसके अलावा कई टूर्नामेंट में प्लेयर्स को वनप्लस जैसे प्रीमियम स्मार्टफोन मिलते थे।
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ई-स्पोर्ट्स
ई-स्पोर्ट भविष्य की सबसे बड़ी इंडस्ट्री होने वाली है और इसमें पबजी का सबसे बड़ा योगदान था लेकिन अब पबजी बैन होने के कारण ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। खास बात यह थी कि पबजी मोबाइल गेम कंप्यूटर, फोन और टैबलेट दोनों के लिए था।
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पबजी की ब्रांडिंग के साथ फोन की लॉन्चिंग
पबजी की दीवानगी इतनी बढ़ गई थी कि मोबाइल कंपनियों को फोन की लॉन्चिंग के दौरान जोर देकर बताना पड़ता था कि उनका फोन पबजी खेलने पर गर्म नहीं होगा, हैंग नहीं होगा और हाई फ्रेम रेट पर यूजर गेम खेल सकेंगे, लेकिन अब गेम पर बैन लगने के बाद मोबाइल कंपनियों को इस दबाव से मुक्ति मिल गई है।