
प्रगति पथ फ़ाउंडेशन ने किया मनरेगा पर चर्चा
NGO / इन्नोवेस्ट डेस्क / 2 OCT
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी के जयंती के अवसर पर प्रगति पथ फ़ाउंडेशन ने “मनरेगा: चुनौतियाँ और समाधान” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया । संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम के अधिकार से वंचित पात्र व्यक्तियों को उनके अधिकार से अवगत कराकर अधिनियम के उद्देश्य को पूरा करना था । संगोष्ठी के मुख्य वक्ता सामाजिक कार्यकर्ता रामजनम भाई और विशिष्ट वक्ता पर्यावरणविद्व डॉ॰ राजेश कुमार श्रीवास्तव रहे। संगोष्ठी की सुभारम्भ राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री लालाबहादुर शास्त्री जी और बाबा साहब डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर के चित्रों पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया। अतिथियों का स्वागत महिला संगठन की सदस्यों ने गीतों के साथ किया और अतिथियों का स्वागत और विषय प्रवेश संस्था की मैनिजिंग ट्रस्टी श्रीमति नीलम पटेल ने किया।
कार्यक्रम ने महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) 2005 पर प्रकाश डालते हुये कहा कि मनरेगा कोई योजना नहीं है बल्कि यह एक कानून है, जो प्रत्येक उस वयस्क ग्रामीण को 15 दिनों के अंदर रोजगार देने की गारंटी देता है जो रोजगार का इच्छुक है। रोजगार के इच्छुक को जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जाता है और रोजगार मिलने पर न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 की धारा 3 के अधीन राज्य सरकार द्वारा नियत न्यूनतम मजदूरी प्रत्यक्ष रूप से उनके खाते में भुगतान किया जाता है। 15 दिन में मजदूरी न दे पाने की दशा में आवेदक को बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है, जो मजदूरी का चौथाई होता है। कार्यस्थल पर मजदूरों के लिए स्वच्छ पेय जल, विश्राम के लिए शेड, कार्यरत महिलाओं के साथ छह वर्ष के पाँच या अधिक बच्चों की देखभाल के लिए अतिरिक्त महिला की व्यवस्था, सामान्य दुर्घटना में आपात उपचार की व्यवस्था का प्रावधान है। उन्होने आगे कहा कि इन सभी अधिकार के प्रावधान के बावजूद जमीनी स्तर पर कई प्रकार की अनियमितताएँ हैं, जो संगठन की शक्ति से दूर किया जा सकता है।
विशिष्ट वक्ता पर्यावरणविद्व डॉ॰ राजेश कुमार श्रीवास्तव जी ने मनरेगा द्वारा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास पर चर्चा कराते हुये कहा कि मनरेगा के कार्यों में पर्यावरण संबन्धित कार्यों को प्रमुखता से जोड़ा गया है, मनरेगा के अंतर्गत जल संचयन व जल संचय सूखारोधी, सूक्ष्म एवं लघु सिंचाई नहर व्यवस्था, जल निकायों का नवीनीकरण और शुद्धि करण, बाढ़ नियंत्रण, जलरुद्ध क्षेत्रों में जल निकास, वृक्षारोपण कार्य पर्यावरण संरक्षण से संबन्धित कार्य हैं।संस्था की मैनिजिंग ट्रस्टी/महासचिव श्रीमति नीलम पटेल ने कहा कि प्रगति पथ फ़ाउंडेशन बड़गांव ब्लॉक में नारीवादी नेतृत्व और बाल सुरक्षा पर सामुदायिक स्तर पर कार्य कर रही है।
संस्था पंचायत में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व की वकालत करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा से हजारों महिलाएं जुड़ी हैं लेकिन मनरेगा कानून द्वारा दिये जा रहे कानून से वंचित हैं। उनके आजीविका के लिए मनरेगा एक कारगर उपाय है, मनरेगा से संबन्धित जानकारी देने व उनके अधिकार को उन तक पहुंचाने की पहल आज गांधी जी के जयंती के दिन से शुरुआत की जा रही है। संस्था के मुख्य संचालन अधिकारी दीपक पुजारी ने मनरेगा संगठन और मनरेगा विषय पर संस्था द्वारा शुरू किए जा रहे प्रयास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये कहा कि प्रगति पथ फ़ाउंडेशन बड़ागाँव के 20 चयनित ग्राम पंचायत में सघन रूप से मनरेगा संगठन पर कार्य करने जा रही है, जिसका प्रत्यक्ष लाभ लगभग 3000 मनरेगा मजदूरों को मिलेगा। हमारा लक्ष्य इन सभी मजदूरों को वर्ष में 100 दिन की मजदूरी दिलाना और समय पर भुगतान सुनिश्चित कराना है। ग्राम स्तर व ब्लॉक स्तर पर मनरेगा संगठनों का निर्माण व मनरेगा संसाधन केंद्र की स्थापना की जाएगी, ताकि मनरेगा मजदूरों को उनका अधिकार प्राप्त हो सके। कार्यक्रम का संचालन दीपक पुजारी और धन्यवाद ज्ञापन कुसुम देवी ने किया। कार्यक्रम में अनिल कुमार, अनीता, ममता, संज्ञा, आरती आदि का योगदान रहा।
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