
विद्युत कर्मियों की हड़ताल खत्म ,सरकार ने निजीकरण का फैसला वापस लिया
पिछले कई दिनों से निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे विद्युत कर्मियों के कार्य बहिष्कार करने के बाद पूरे प्रदेश में बिगड़े हालत को देखते हुए सरकार ने बिजली निगमों का निजीकरण का फैसला वापस ले लिया है जिससे विद्युत कर्मियों में खुशी की लहर है ।इस क्रम में विद्युत संघटन के नेताओं ने कहा कि सभी कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी पर वापस जाने को निर्देशित कर दिया गया है ।
विद्युत आपूर्ति बंद होने से मचा हाहाकार,विद्युत शवगृह हुआ बंद
निजीकरण के विरोध में विद्युतकर्मियों द्वारा कार्य बहिष्कार करने के बाद से बढ़ी लोगो की परेशानी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।पिछले 24 घंटो से ज्यादा समय से शहर के अलग अलग क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित होने व फिर शुरू होने का क्रम जारी है। इन सब के बीच आज विश्व की प्राचीनतम नगरी में से एक काशी के विश्वनाथ गली में पिछले 30 घंटो से अंधेरा छाया है जिसके कारण अब लोग पीने के पानी के एक एक बूंद के लिए भी परेशान हो रहे है। ऐसे में आक्रोशित लोग दर्जनों की तादाद में सिंहद्वार पहुंच धरने पर बैठ गए।वहीं दूसरी तरफ इससे भी ज्यादा चिंता जनक स्थिति विद्युत शव गृह के बंद होने से हो गई है जिसके कारण अब कोराना संक्रमित लोगो की लाशे भी सामान्य लोगो के साथ घाटों पर जालाई जा रही है जो अत्यंत ही खतरनाक है ।एक तरफ तो कोरोना महामारी के प्रसार को कम करने के लिए लाखो जतन किए गए यहां तक कि सम्पूर्ण देश में एहतिहासिक लॉक डाउन भी किया गया जिससे ना सिर्फ आम आदमी की दिनचर्या बल्कि सम्पूर्ण देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई बावजूद इसके इस प्रकार की लापरवाही या मजबूरी आगे कितने भयानक हालात पैदा करेंगे ये कह पाना बहुत मुश्किल है लेकिन एक बात तो तय है कि विद्युत कर्मियों और सरकार के बीच चल रहे इस खेल में अकारण आम जनता को खींचा जा रहा है और अगर आम जनता अपना सब्र खोकर सड़क पर उतरने को आतुर हो गई तो दोनो की खैर नहीं।
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