
एक बार फिर गंगा की सुध , चलेगी सीएनजी नाव
सिटी क्राइम / इन्नोवेस्ट डेस्क / 8 oct
शिव की नगरी काशी की अनेक पहचानों में एक पहचान गंगा भी , जिसे देखने और दर्शन करने तमाम श्रद्धालु नित्य आते है देशी और विदेशी सैलानियों का सैलाब गंगा तट पहुंच कर कुछ कलकल छल छल करती अमृतमयी लहरों की अनुभूति करते है तो कुछ नाव के सहारे लहरों पर सवारी करते है लेकिन इन सब के बीच जब मोटरवोट से निकने वाली जहरीली काली धुँआ का सामना होता है तो आनंद और आध्यात्म के अहसास को मन मस्तिष्क में नकरात्मकता पैदा करती है। इन्हीं बातों के दृष्टिगत अब गंगा की लहरों में डीजल बोट की जगह सीएनजी से नावें चला जाएगी जिसके लिए शासन से एक करोड़ रुपये का बजट भी जारी हुआ है ।काशी में राजघाट से अस्सी घाट के बीच दो हजार नावों में 200 नावों को पहले चरण शुरू किया जाना हैं । सब ठीक रहा तो देवी आराधना के पखवारे नवरात्र से नावों को सीएनजी संचालित करने की योजना परवान चढ़ेगा
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पुलिस का अभियान हेलमेट लगाएं , टारगेट का पीछा
सिटी क्राइम / इन्नोवेस्ट डेस्क / 8 oct
इन दिनों सडकों पर पुलिस सक्रिय है या यूँ कहे आतंक बनाये है कुछ मोबाईल से फोटो खींच कर अपनी आतंक कायम करते है तो कुछ हेलमेट के सर पर न होने का।गली के मुहाने सड़क के चौराहे पर चल रहे चेकिंग का आलम यह है कि लोग हेलमेट लगाने के वजाय अगल बगल गलियों से निकल लेना ज्यादा हितकर मान रहे है। सड़क पर एक से बढ़कर एक तमाशा देखने को मिलता है और ये तमाशा पुलिस और नागरिक दोनों ही आम है। सरकार फ़रमान आया जनता को अपने सुरक्षा के लिए हेलमेट लगना जरुरी होगा वरना हर्जाना भरना होगा और इस हर्जाना वसूलने की जिम्मेदारी पुलिस की जिम्मेदारी मुकर्रर किया गया। फिर क्या था पुलिस पूरी ताकत से शासन के फरमान को लागू करने में मुस्तैद हो गयी। ऐसा नहीं की पुलिस स्मार्ट हो गयी है और ऐसा भी नहीं की पुलिस को हर्जाना के रूप में वसूले रकम का फायदा नहीं है , लेकिन टारगेट को पूरा करने की डंडा का भय इनको सब एक्टिव रहने के लिए विवश करता है। अब पुलिस का क्या नुकसान दूध खौलेगा तो मलाई तो मिलेगी ही।
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