जब कुलसचिव ने अपने ही आदेश को किया खारिज , खेल विद्यापीठ का

जब कुलसचिव ने अपने ही आदेश को किया खारिज , खेल विद्यापीठ का

काशी विद्यापीठ का यू टर्न पहले संविदा शिक्षकों के धरने को ‌‌अवैध बताया तो अब पल्ला झाड़ा
इन्नोवेस्ट न्यूज़  / 6 nov

काशी विद्यापीठ के प्रशासनिक अधिकारी इन दिनों चूहा बिल्ली का खेल खेल रहे है। परिसर में पिछले चार दिनों से संविदा शिक्षकों अपने बकाये वेतन के भुगतान की मांग को लेकर सत्याग्रह कर रहे है लेकिन अचानक विश्वविधालय द्वारा अध्यापकों के इस धरने को ‌‌अवैध ठहरा दिया। कुलसचिव द्वारा नोटिस में इस धरने को बगैर अनुमति के बताते हुए संविदा पर कार्यरत रहे अध्यापकों के इस आंदोलन गलत करार दिया साथ ही नोटिस में धरना स्थल को खाली करने का निर्देश जारी किया था। लेकिन जानकारी के बाद संविदा अध्यापको का टीम जब कुलसचिव से मिला तो कुलसचिव अपने ही आदेश को गलत कहते हुए अपने कदम को पीछे खींच लिया जब कि सच है कि आंदोलन शुरू करने से पहले विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन को जानकारी दी गई थी। चार महीने के बकाये वेतन के भुगतान की मांग को लेकर अब अध्यापक विश्वविद्यालय को  ‘रघुपति राघवराम राजाराम’ भजन गाकर सद्बुद्धि का प्रार्थना कर रहे है । सत्याग्रह में डॉ प्रभाशंकर मिश्रा , डॉ आनंद सिंह ,डॉ रीता डॉ गोपाल यादव, डॉ. महेंद्र प्रसाद, डॉ. वीरेंद्र प्रताप, डॉ. मारकंडेय यादव, डॉ. छोटेलाल प्रसाद, डॉ. विश्वजीत कुमार, डॉ. शिवेश त्रिपाठी, डॉ. आनंद सिंह, सुमित घोष, नरेन्द्र सिंह आदि शामिल है।

 

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