
जानिए ,किन वजहों से 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक नहीं होंगे मांगलिक आयोजन
सूर्य हर एक राशि में पुरे एक महीने या 30 से 31 दिन के लिए रहता है। 12 महीनों में सूर्य ज्योतिष की 12 राशियों में प्रवेश करता है. 12 राशियों में भ्रमण करते हुए जब सूर्य देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है तो उस स्थिति को खरमास कहते हैं। 16 दिसम्बर बुधवार प्रातः 06:49 पर सूर्य का धनु राशि में प्रवेश से खरमास प्रारम्भ हो जायेगा। इसे धनु संक्रांति भी कहा जाता है।
देव गुरु बृहस्पति सूर्य से 11 डिग्री या उससे कम की दूरी पर होते है तो उन्हें अस्त कहा जाता है। सभी ग्रह राहु और केतु को छोड़कर समय-समय पर अस्त होते रहते हैं।
ज्योतिषाचार्य श्री पवन तिवारी ने बताया कि इस वर्ष मांगलिक कार्यक्रम 15 दिसंबर 2020 तक ही होंगे। खरमास लगने के कारण बुधवार 16 दिसंबर से गुरुवार 14 जनवरी 2021 तक किसी भी तरह के शुभ कार्यक्रम नहीं होंगे। 15 जनवरी से ही मांगलिक कार्यक्रम फिर शुरू होंगे। हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,खरमास में शादी, सगाई, वधु प्रवेश, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ और मुंडन जैसे कोई भी मांगलिक कार्य वर्जितहै। बृहस्पति देव को वैवाहिक सुख और संतान सुख देने वाला माना जाता है, किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य के लिए गुरू का प्रबल होना आवश्यक है, इसलिए इस दौरान मांगलिक कार्य करने से परहेज करना चाहिए। इस महीने भले ही मांगलिक कार्यों को करना वर्जित होता है, लेकिन इस महीने में पूजा-पाठ,जप, तप, तीर्थ यात्रा करने का विशेष महत्व बताया गया है। खरमास में भागवत कथा सुनने और दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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