
टीवी ग्रसित बच्चों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों को सहायता करने की उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया प्रेरित
इन्नोवेस्ट न्यूज़ / 4 jan
– पूर्वांचल के उद्यमियों को अग्रणी भूमिका निभाने का किया आह्वान
– टीवी से 2025 तक होगा भारत मुक्त
– कुपोषित नन्हे-मुन्ने बच्चे से कैसे बनेगा भविष्य
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वाराणसी के साड़ी इंडस्ट्रीज व माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज के उद्यमियों से टीवी से ग्रसित बच्चों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर समाज का सहयोग करने की अपील किया है । राज्यपाल ने जोर देते हुए कहा कि कोरोना कॉल में लोगो का सहयोग करने के लिए किसी को निमंत्रण नहीं दिया गया था, किंतु भारत की संस्कृति के अनुरूप लोग स्वयं आगे आकर लोगों का हर स्तर पर सहयोग किया। जिसे पूरी दुनिया ने देखा और पूरे विश्व में हम इस क्षेत्र में सबसे अग्रणी रहे।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपने तीन दिवसीय वाराणसी दौरे के दूसरे दिन सोमवार को सर्किट हाउस सभागार में वाराणसी के साड़ी इंडस्ट्रीज व माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज(एमएसएमई) उद्यमियों के संग बैठक के दौरान टीवी से ग्रसित बच्चों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सामाजिक सहयोग के प्रति लोगों को सामाजिक दायित्व का बोध कराते हुए सहयोग के लिए प्रेरित किया। कहा कि हमारे नन्हे-मुन्ने बच्चे ही देश के भविष्य है। जब वही कुपोषित हो तो भविष्य कैसे बनेगा। देश की जितनी आबादी है, सरकार अपने स्तर पर हर क्षेत्रों में बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन स्तर को सुधारने एवं सामाजिक कार्यों को कर रही है। लेकिन इस कार्य में समाज के उद्यमियों एवं प्रबुद्ध जनों को भी बढ़ चढ़कर आगे आकर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करना होगा। पूरे विश्व में वर्ष 2030 तक दुनिया को टीवी से मुक्त करने की घोषणा की है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोचा कि तब तक हमारे कितने बच्चों की मौत हो जाएगी और इसलिए उन्होंने भारत को वर्ष 2025 तक पूरी तरह टीवी मुक्त करने का संकल्प लिया है। चिकित्सा व्यवस्था एवं लोगों के सहयोग से 2025 तक भारत वास्तव रूप में टीवी मुक्त हो जाएगा। उन्होंने उद्यमियों से जिलाधिकारी से संपर्क कर टीवी ग्रसित बच्चों को गोद लेकर उनकी देखरेख तथा पोस्टिक आहार उपलब्ध कराए जाने पर जोर देते हुए कहा कि टीवी से ग्रसित बच्चों को समय से दवा व पौष्टिक आहार मिलता रहे, तो वे आगामी 6 माह के अन्दर टीबी रोग से मुक्त हो जाते हैं। टीवी ग्रसित गोद लिए बच्चों के घरों पर जब जाकर उनकी देखरेख किया जाएगा, तो उनमें और उनके अभिभावको में भाव पैदा होगा। उन्होंने कहा कि टीवी के बच्चों को घरों में ही कैद न किया जाए बल्कि उन्हें स्कूलों में भी भेजा जाए। जिससे उनकी शैक्षणिक गतिविधि किसी भी दशा में रुकने न पाए। उन्होंने बताया कि पूरे भारत के 20 फ़ीसदी टीवी ग्रसित बच्चे उत्तर प्रदेश में है। टीवी से ग्रसित मरीजों को चिन्हित करके यदि उन्हें समय से अस्पताल पहुंचाया जाए और उनका देखरेख किया जाए, तो वे आगामी 5 से 6 माह के अंदर टीबी रोग से मुक्त हो जाते हैं। टीवी के मरीजों को घर-घर जाकर चयनित करने का उत्तर प्रदेश सरकार ने अभियान चलाया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उद्यमियों से आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहां पर बच्चों को बैठने के टेबुल, बेंच, किताबें एवं खिलौना आदि की उपलब्धता पर विशेष जोर दिया। जिससे आंगनवाड़ी केंद्रों के प्रति लोगो एवं नौनिहालों में रुझान पैदा हो सके। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा महिलाएं व बच्चे हमारा स्तंभ स्वरूप है। हमारी बच्चियां कमजोर होंगी तो भारत को मजबूत नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने बच्चों को संस्कारी बनाए जाने पर भी विशेष जोर दिया। इस अवसर पर जनपद के विभिन्न उद्यमी संगठनों के पदाधिकारी एवं उद्यमी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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