वाराणसी/रोहनियां
आज शनिवार को रोहनिया के अखरी गांव के रहने वाले राजबली गौड़ का कच्चा मकान लगातार हो रहे बारिश की वजह से पूरी तरह से ढह गया। राजबली गौड़ के पांच बच्चे है जिनमें दो बेटियां और तीन छोटे बेटे है। जिनका भरण पोषण राजबली गौड़ मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का पेट भरते है। राजबली ने बताया कि बचपन से ही गरीबी में पला बड़ा हूं और बचपन के दिनों से ही परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण जीवन के इस कठिन दौर में मेहनत मजदूरी का काम करके सिर्फ अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का ही जुगाड़ कर पाता हूं। और मजदूरी से इतने पैसे नहीं कमा पाता हूं कि घर बनवा सकूं। वहीं दूसरी तरफ राजबली गौड़ की पत्नी शशि कला गौड़ का कहना था कि ग्राम प्रधान से कई बार आवास के लिए मांग किए लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं। अब आज इस कोरोना काल और बारिश के दिनों में विकट परिस्थिति में मेरे परिवार के पास रहने के लिए छत नहीं है और किसी प्रकार से अस्थाई टीन सेट लगाकर अपना व अपने परिवार का जान बचा रहे हैं। और सरकार से हमारी यही मांग है कि अगर हमें सरकारी आवास मिल जाता तो बड़ी मेहरबानी हो जाती। इसके अलावा जब इस मामले की जानकारी के लिए काशी विद्यापीठ ब्लाक के खंड विकास प्रभारी अधिकारी राम कृपाल द्विवेदी से बात की गई तो उनका कहना था कि इस मामले की जानकारी नहीं है जानकारी मिलते ही मौके पर मामले की जांच कराकर सरकारी योजनाओं के अंतर्गत जो भी सुविधा होगी। पात्र व अपात्र के आधार पर सुविधा मुहैया करा दी जाएगी।