@बनारस शाम 8 बजे की बड़ी खबरें

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बी एच यू में आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षाओं की समय सारणी जारी

@बनारस/इनोवेस्त डेस्क/18 अगस्त

 काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने विभिन्न स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षाओं की समय सारणी जारी कर दी है। इन प्रवेश परीक्षाओं को दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। प्रथम चरण की परीक्षाए 24 अगस्त से 31 अगस्त के मध्य आयोजित की जा रही हैं, जिनमें सभी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों एवं स्नातक स्तर के एलएलबी, बी0एड0/बी0एड0 स्पेशल एजुकेशन ,बी0पी0एड0, बी0एफ0ए0 एवं बी0पी0ए0 पाठ्यक्रमों की परीक्षाएँ करायी जाएँगी। द्वितीय चरण की प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन 9 से 18 सितम्बर, 2020 के बीच होगा, जिसमें स्नातक स्तर के शेष पाठ्यक्रमों – बी0ए0 (ऑनर्स) आर्ट्स, बी0ए0 (ऑनर्स) सोशल साइंसेज, बी0कॉम0 (ऑनर्स)/बी0कॉम-एफएमएम, बी0एससी0 (ऑनर्स) एजी, बी0ए0 एलएलबी0 (ऑनर्स), बी0एससी0 (ऑनर्स) मैथ, बी0एससी0 (ऑनर्स) बायो, शास्त्री (ऑनर्स) एवं बी0वोक0 के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु परीक्षाएँ करायी जाएँगी।समस्त पात्र अभ्यर्थियों को प्रवेश परीक्षा संबंधित अद्यतन समय-सारणी की जानकारी विश्वविद्यालय के पोर्टल www.bhuonline.in पर उपलब्ध रहेगा।अभ्यर्थी अपना प्रवेश पत्र परीक्षा तिथि से एक सप्ताह पूर्व प्रवेश परीक्षा पोर्टल www.bhuonline.in से डाउनलोड कर सकते है।

मंडुआडीह के बनारस बनने पर लोगो में खुशी की लहर


@बनारस/इनोवेस्त डेस्क/18 अगस्त

अपने साफ सफाई व नए लुक के साथ विश्वस्तरीय सुविधाओं को लेकर लोगो के बीच आकर्षण का केंद्र बना मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस होने से स्थानीय नागरिकों में खुशी की लहर दौड़ गई।आज पूरे दिन सोशल मीडिया में बस यही ट्रेंड करता रहा।कुछ लोग सरकार के इस निर्णय की तारीफ करते रहे तो कुछ को एक बार फिर सरकार पर निशाना साधने का बहाना मिल गया ।स्टेशन का नाम बदलने की मांग कई दिनों से की जा रही थी । पूर्व रेल राज्यमंत्री व वर्तमान में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंडुआडीह का नाम बदलकर बनारस करने का आग्रह किया था। पूर्वोत्तर रेलवे के आदर्श स्टेशनों में शामिल मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बनारस रखने का प्रस्ताव साल भर पहले अगस्त 2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने शासन को भेजा था। गृह मंत्रालय ने सोमवार को नाम बदलकर बनारस किए जाने का आदेश जारी कर दिया।

पुलिसिया कार्यशैली पर जायसवाल क्लब के सदस्यों ने उठाए सवाल


@बनारस/इनोवेस्त डेस्क/18 अगस्त

पिछले शुक्रवार को जंसा थाना क्षेत्र स्थित हाथी मे रास्ते को लेकर हुए विवाद के बाद मौर्य परिवार द्वारा माता प्रसाद जायसवाल सहित परिवार के 14 सदस्यों के ऊपर लाठी-डंडे व धारदार हथियार से हमला करने की विडियो व फोटो वायरल होने के बाद पुलिस द्वारा आरोपियों पर की गई करवाई और घायलों को ट्रॉमा सेंटर में उपचार के दौरान मिल रही धमकियों के शिकायत पुलीस से करने के बाद भी उनके ढुलमुल रवैए से नाराज़ जायसवाल क्लब के सदस्यों ने पुलिसिया कार्यशैली पर प्रश्चिन्ह लगाते हुए रोष व्यक्त किया। इस दौरान क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल के नेतृत्व में सभी पदाधिकारी एवं सदस्यो ने उक्त पीड़ित जायसवाल परिवार से मुलाकात की साथ ही हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिया।

पूर्व निर्धारित केंद्रों पर ही होंगी काशी विद्यापीठ तृतीय वर्ष की बची हुई परीक्षाएं
@बनारस/इनोवेस्त डेस्क/18 अगस्त

कोरोना महामारी के कारण स्थगित हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की तृतीय वर्ष की परीक्षाएं आगामी दो सितंबर से सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए अपने पूर्व निर्धारित केंद्रों पर होंगी।इस दौरान छात्र मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग करेंगे। इन परीक्षाओं में शामिल अभियर्थियो को उनके पुराने प्रवेश पत्र से ही परीक्षा हाल में प्रवेश की अनुमति मिलेगी।परीक्षा में शामिल सभी छात्र छात्राएं संशोधित टाइम टेबल के अनुसार ही परीक्षा देंगे यह जानकारी परीक्षा नियंत्रक डॉ कुलदीप सिंह ने दी साथ ही बताया कि परीक्षा केंद्रों की संख्या न तो कम की जा रही है और ना ही बढ़ाई जा रही है। परीक्षार्थी जिन परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा दे रहे थे आगे भी वही देंगे।


बुनकरों ने एमडी विद्युत से मिलकर की कनेक्शन ना काटने की मांग ,कहा विभाग कर रहा उत्पीड़न


@बनारस/इनोवेस्त डेस्क/18 अगस्त

घरेलू उपभोक्ताओं और पावर लूम उपभोक्ताओं के बिजली से सम्बंधित समस्याओ के सम्बंध में बुनकर साझा मंच वाराणसी का एक प्रतिनिधि मंडल आज भिखारी पुर स्थित कार्यालय में विद्युत विभाग के एम डी से मिला और अपनी बात रखते हुए पूछा कि गोरखपुर, मऊ, के पावर लूम बुनकरों का बिजली बिल अगस्त माह में भी फ्लैट रेट से जमा हो रहा है तो बनारस के पावर लूम बुनकरों के साथ अन्याय क्यों हो रहा है।जब उत्तर प्रदेश सरकार ने दिसम्बर 2019 के शासनादेश पर रोक लगाई है तो किस आधार पर बनारस के बुनकरों से यूनिट रेट पर बिजली का बिल वसूला जा रहा है और कनेक्शन काटा जा रहा है जिसपर उन्हें बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा दिसम्बर 2019 के शासनादेश पर कोई रोक नही लगाई गई है जो भी जिले में फ्लैट रेट पर बिजली का बिल जमा हुवा है वो विभाग कि चूक थी उसको अब सुधार लिया गया है अब किसी भी जिले में फिक्स रेट पर बिजली का बिल नही जमा होगा दिसम्बर 2019 के शासनादेश के अनुसार यूनिट रेट पर ही बुनकरों का बिल जमा होगा इस पर बुनकर साझा मंच के प्रतिनिधि मंडल ने एमडी साहब से कुछ माँगे रखी और कहा कि इस महामारी के दौर में बुनकरोंके बिजली के फ्लैट रेट पर विधुत आपूर्ति कि योजना को पूर्व के भाती जारी रखी जाए ।इस लॉक डाउन में बुनकरों और घरेलू उपभोकताओं के 6 माह का बिजली बिल माफ् किया जाए बुनकरों का बिजली विभाग द्वारा काटा गया कनेक्शन तत्काल जोड़ा जाए विधुत विभाग द्वारा मनमाना बिल भेजना और उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करना तत्काल रोका जाए ।काशी राम आवास सहित सभी गरीब बस्तियों में इस महामारी के दौरान बिजली बिल कि वसूली को तत्काल रोका जाए और विभाग द्वारा काटे गए कनेक्शन को जोड़ा जाए जिसपर उन्हें आश्वस्त किया गया कि उनकी बिजली नही काटी जाएगी न ही विभाग द्वारा उनका उत्पीड़न किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में मनीष शर्मा ,इदरीश अंसारी ,फजलुर्रहमान अंसारी, नुरुल हक अंसारी ,अब्दुल मतीन अंसारी, अब्दुल हमीद अन्सारी ,रिजवान अन्सारी बिस्मिल्लाह अंसारी ,मकबूल अहमद जलालुद्दीन अंसारी, ज़ोबैर खान ,सागर गुप्ता ,शहज़ादी रेखा चंदा देवी आदि लोग मौजूद रहे।

दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का हुआ आयोजन

@बनारस/इनोवेस्त डेस्क/18 अगस्त

बसंत महिला महाविद्या के हिंदी विभाग द्वारा आज शताब्दी वर्ष में रेणु सृजन और संदर्भ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया ।वेबिनर का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि मौजूद प्रोफेसर रामशंकर दुबे कुलपति गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय ने किया।अपने उद्बोधन में रेणु के विस्तृत चिंतन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि रेणु भारतीय आत्मा के चिंतन  के कथाकार हैं।क्रांति ,आंदोलन में उनकी भागीदारी ने उनके साहित्य को व्यापक फलक दिया।अद्यक्षता करते हुए आई आई टी के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने नई शिक्षा नीति की बात करते हुए लोक भाषा के संरक्षण की बात की। लोक की रक्षा रेणु के चिंतन का मूल है। भाषा और प्रौद्योगिकी के माध्यम से इसे बचाने की बात और उससे जुड़ने का आह्वान किया।महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ अलका सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि रेणु को पढ़ते हुए हम भारत की आत्मा के राग विराग को समझ सकते हैं।कार्यक्रम की संयोजक ने शताब्दी वर्ष में रेणु के साहित्यिक अवदान की चर्चा करते हुए कहा कि रेणु अपनी ही बनाई संरचना को तोड़ते हैं।रेणु का साहित्य कला,संस्कृति,लोकभाषा के विलोपन के विरुद्ध खड़ा होता है।प्रथम मुख्य सत्र में प्रसिद्ध कथाकार प्रेम कुमार मणि ने कहा कि रेणु सुघर व्यक्तित्व के स्वामी थे।ऐसा व्यक्तित्व जिसका चिंतन और व्यव्हार एक हो अब संभव नहीं।इनर डेमोक्रेसी कैसे बची रहेगी इसकी चिंता रेणु ने की।राजनीतिक आजादी से बड़ी आजादी के मायने रेणु ने समझाए।दूसरे प्रमुख वक्ता जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के अनुवाद विभाग के प्रोफेसर और लेखक देव शंकर नवीन ने कहा कि साहित्य जब कभी लिखा जाता भाषा में लिखाजाता है। रेनू ने अपनी ट्रेल में संगीत,नाच, ध्वनि की प्रयुक्तियों का प्रयोग कर अंचल को जीवित कर दिया। अंतिम वक्ता के रूप में दिल्ली के लोक संस्कृति के चिंतक और संस्कृतिकर्मी डॉ कैलाश कुमार मिश्र ने मानवविज्ञान के संदर्भ में एथनोग्राफिकेल, नेटिव इंटेलिजेंस की बात करते हुए सिरपंचमी कहानी, ठेसऔर रसप्रिया के बहाने कला और कलाकार के मूल्य को बचाने की रेणु की चिंता को बताया। विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री प्रोफेसर चन्द्रकला त्रिपाठी, तथा डॉ शशिकला त्रिपाठी ने की।उद्घाटन सत्र का सञ्चालन डॉ मीनू अवस्थी ने किया तो प्रथम सत्र का डॉ बन्दना झा ने तथा तृतीय सत्र का डॉ राजेश चौधरी ने किया।वही धन्यवाद ज्ञापन डॉ शशिकला त्रिपाठी,डॉ बन्दना झा तथा डॉ मीनू अवस्थी ने किया।

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