जानिए, बिहार राज्य का मोक्ष धाम गयाजी की खास विशेषता

शास्त्र के अनुसार भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष का आरंभ होगा, माता पिता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना गया है, हिंदू

सनातन संस्कृति के आचार्यस्तम्भ का मोक्षलोकगमन पोथीराम उपाध्याय से स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती तक की यात्रा (2 सितम्बर 1924 – 11 सितम्बर 2022)

सनातन संस्कृति के पूज्यचरण सनातन के आचार्य हैं। आचार्य परम्परा में आदि गुरु हरिहर से पदक्रम होकर भगवान आदिशंकराचार्य तक की यात्रा अविराम रही है।

बाईक पर कौशल दिखानेवाले बीएसएफ जवान पहुंचेंगे वाराणसी, पुष्प वर्षा और हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ किया गया स्वागत

, वाराणसी। देश की सुरक्षा में अग्रिम पंक्ति में रहने वाले सीमा सुरक्षा बल के बाईकर जवान रविवार की शाम 4 बजे काशी पहुंचें। मोटर

गृह मंत्री का तंज, “राहुल बाबा ने विदेशी टी-शर्ट पहनकर भारत जोड़ो यात्रा शुरू की

, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर तंज कसा। अमित शाह ने शनिवार को कहा कि

धूमधाम से लाट भैरव की निकली बारात, भैरवी संग रचाते हैं ब्याह

, सज-धज कर बाबा लाट भैरव की बारात निकली तो इसमें शामिल होने को देवगण व शिवगण सहित श्रद्धालुजन खुद को रोक न सके। कल

पूर्वजों के स्मृति में किया गया पौधा वितरण, पौधारोपण करने की अपील

भादो माह के पूर्णिमा तिथि पर अस्सी घाट पर तुलसी पौधा का वितरण कर लोगों से अपने पितरों के स्मृति में पौधारोपण कर पर्यावरण बचाने

“काशी के रंग व्यासी के संग” 500 दृश्य कलाकारों के साथ प्रथम राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

, IAW ( इन आर्ट वर्ल्ड) द्वारा व्यासी, वाराणसी, विकास ड्राइंग एंपोरियम वाराणसी, सुनीता आर्ट गैलरी के सहयोग से राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न हुआ l इस

महिलायों सहित और कौन कर सकता हैं श्राद्ध…. अवश्य पढ़िए, श्राद्ध पर शास्त्र का मत

, श्राद्ध विधि स्वयं करनी चाहिए परंतु स्वयं करना नहीं आता हो तो ब्राह्मण को बुलाकर करवाना चाहिए। आजकल श्राद्ध करने वाले शुद्ध ब्राह्मण भी

पितृपक्ष पर विशेष : पितरों के श्राद्धकृत्य से होगा सुख-समृद्धि, खुशहाली का मार्ग प्रशस्त

– पितृपक्ष 11 सितम्बर, रविवार से प्रारम्भ होकर 25 सितम्बर, रविवार को होगा समापन हिन्दू धर्म के अनुसार पौराणिक मान्यता के मुताबिक पूर्वजों की स्मृति

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