
प्रत्येक मंगल और शुक्रवार को धर्म अध्यात्म और शास्त्र की जानकारियां
मंगल और शनि का स्वराशि मकर में हुए मार्गी
धर्म नगरी / innovest desk / 6 oct
– शनि स्वराशि मकर में हुए मार्गी
– मिथुन और तुला राशि को रहेगी शनि की अढ़ैया
– धनु-मकर-कुम्भ को रहेगी शनि की साढ़ेसाती
नवग्रहों में शनि ऐसा ग्रह है जो न्यायप्रिय कहलाता है तथा कर्मों के अनुसार शुभ अशुभ फल देता है, तथापि यह भी सत्य है कि शनि व्यक्ति को प्रत्येक भौतिक सुख से वंचित करने का प्रयास करता है। अत: जिस राशि पर शनि होता है उसे कुछ न कुछ अशुभ फल अवश्य मिलता है। जैसे—राशि का शनि स्वास्थ्य को प्रभावी करता है, बारहवें घर का शनि व्यय में वृद्धि कराता है, दूसरे घर का शनि परिवार में तनाव एवं धन की हानि कराता है। चतुर्थ घर का शनि सुख-शान्ति में कमी। अष्टम घर का शनि वाहन से चोट-चपेट दुर्घटना का संकेत देता है।
जन्मकुण्डली में चन्द्रमा से जब गोचरवश शनिग्रह बारहवें भाव, प्रथम भाव एवं द्वितीय भाव में आते हैं तो ऐसी स्थिति को साढ़ेसाती कहते हैं। शनिग्रह चन्द्रमा से चतुर्थ एवं अष्टम भाव में उपस्थित होने पर शनिग्रह की अढ़ैया कहलाती है। एक राशि में शनिग्रह की स्थिति ढाई वर्ष की होती है। शनिग्रह के वक्री होने की स्थिति में यह अवधि बढ़ भी जाती है। 11 मई 2020, सोमवार से वक्री हुए शनिग्रह 29 सितम्बर 2020, मंगलवार को प्रात: 10 बजकर 42 मिनट पर स्वराशि मकर में मार्गी हुए। वर्षपर्यंत इसी राशि में ही रहेंगे। शनिग्रह के मार्गी होने के समय सूर्य-कन्या राशि में, चन्द्रमा-कुम्भ राशि में, बुध-तुला राशि में, गुरु-धनु राशि में, शुक्र-सिंह राशि में, शनि-मकर राशि में, राहु-वृषभ राशि में एवं केतु-वृश्चिक राशि में विराजमान हैं।
शनि के राशि परिवर्तन का प्रभाव
शनिग्रह के मार्गी होने के फलस्वरूप विश्वपटल पर शुभाशुभ घटनाएँ परिलक्षित होंगी। प्राकृतिक दैविक आपदायें, हिंसाजनित घटनाएँ, रेल-वायुयान व जल-परिवहन तथा सड़क दुर्घटनाएँ, आँधी-तूफान-वर्षा, बाढ़, आगजनी से मौसम में अजीबो-गरीब परिवर्तन, जन-धन की हानि की आशंका। राजनैतिक परिदृश्य में काफी रद्दोबदल देखने को मिलेंगे। देश-विदेश में सत्तापरिवर्तन के साथ ही मंत्रिमण्डल में हेर-फेर देखने को मिलेगा। किसी विशिष्ट व्यक्ति या राजनेता या अन्य क्षेत्र के नामी-गिरामी हस्ती की सेवा से वंचित होने को नकारा नहीं जा सकता। जिन्हें शनिग्रह की अढ़ैया या साढ़ेसाती हो, उन्हें विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
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शनि मार्गी होने के फलस्वरूप राशियों पर भी दिखेगा प्रभाव—
मेष—नवयोजना पर कार्य आरम्भ। अपने स्तर को बनाये रखने के लिए अधिक खर्च। घरेलू समस्याओं का निराकरण।
वृषभ—व्यावसायिक सफलता। ऋण अदायगी से खुशी। वैवाहिक जीवन सुखमय। शत्रु पराजित। समय आशाजनक। व्यापार में लाभ।
मिथुन—कार्य व्यापार में निराशा। वैचारिक अस्थिरता का अभाव। राजकीय पक्ष से कष्ट। वाहन से चोट-चपेट की सम्भावना।
कर्क—व्यवसाय में सफलता। परिस्थितियों में सुधार। आरोग्य सुख की प्राप्ति। विवाद का निर्णय पक्ष में। यात्रा का सुपरिणाम।
ङ्क्षसह—पूँजी का प्रतिफल प्राप्त। पराक्रम से कार्य-सिद्धि। श्रेष्ठजनों से सम्पर्क। शुभ भावनाओं से आत्मिक शांति। गलतफहमियाँ दूर।
कन्या— व्यवसाय हेतु प्रयास सार्थक। आशायें फलीभूत। समस्याएँ सुलझने की ओर। मौजमस्ती के निमित्त व्यय। यात्रा सफल।
तुला— पारिवारिक उलझनें। विवाद की आशंका। दिनचर्या अव्यस्थित। अध्ययन में व्यतिक्रम। निष्प्रयोजन व्यय। वाहन से कष्टï।
वृश्चिक— नवयोजना का श्रीगणेश। व्यवसाय में विस्तार हेतु विचार-विमर्श। विवादास्पद मसला सुलझने की ओर। दाम्पत्य सुख।
धनु— आर्थिक पक्ष में असफलता। आलस्य की अधिकता। धनागम का अभाव। वाद-विवाद भी संभव। झूठे आश्वासन से कष्ट।
मकर— निराशा की स्थिति। आत्मबल में कमी। व्यय की अधिकता। प्रतिष्ठा पर आघात। असमंजस की स्थिति। संकल्प सिद्धि में विलम्ब।
कुम्भ— समय असन्तोषजनक। शंका कुशंका प्रभावी। विश्वासघात की आशंका। आरोप-प्रत्यारोप प्रभावी। कर्ज की चिन्ता।
मीन— कार्य क्षमता में वृद्धि। नवीन योजना दृष्टिïगत। चित्त प्रफुल्लित। आत्मीयजनों से मधुरता। निजी इच्छा की पूॢत। लाभ भी।
विशेष उपाय
श्रीहनुमान चालीसा, श्रीसंकटमोचन, श्रीबजरंगबाण का 7-7 बार पाठ करें। शनिवार के दिन काली गाय की सेवा कर गाय को भरपेट भोजन करावें या पराठा+गुड़+फल खिलावें। शनिवार के दिन सूर्यास्त के पूर्व बन्दरों को गुड़, चना, फल खिलावें। शनिवार के दिन उड़द के दाल की खिचड़ी गरीबों को खिलावें। शनिवार के दिन शनिग्रह से सम्बन्धित वस्तुओं जैसे—काला वस्त्र, काला कम्बल, उड़द, काली तिल, तेल, लोहा, कस्तूरी, कुलथी, काली खड़ाऊँ, नीलम, सोना, काली गाय, काला जूता, भैंस आदि जो भी सम्भव हो, दान करें।
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