इन्नोवेस्ट न्यूज़ / 23 nov
शिव की नगरी काशी और काशी के आराध्य बाबा भोलेनाथ ,प्रधानमंत्री द्वारा 8 मार्च 2019 को शिलान्यास के बाद लगातार अपने आकार को लेता जा रहा है। विश्वनाथ धाम का यह स्वरूप निराला हो अद्भुत हो और माँ गंगा से सटा हो इसका पूरा ध्यान रखा गया। लगभग 300 मकानों के अधिग्रहण के बाद 50000 वर्ग मीटर में 700 करोड़ की लागत से बन रहे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर काम हो रहा है जिसकी मॉनिटरिंग खुद पीएमओ और लखनऊ का मुख्यमंत्री दरवबार करा रहा है। एक नए फरमान के अनुसार कॉरिडोर क्षेत्र में अब एक भी निजी सम्पत्ति नहीं होगा। यही वजह है कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद लालिताघाट स्थित गोयनका लाइब्रेरी का भी अधिग्रहण करने की प्रकिया तेज हो गया है । सुंदरीकरण के मद्देनजर मणिकर्णिका घाट पर स्थित लकड़ी के टाल को भी हटाया जाएगा। सब ठीक रहा तो यह जगह प्रधानमत्री के आगमन से पूर्व गोयनका ट्रस्ट से मंदिर न्यास के नाम हो जायेगा । पूर्व में इसका छह करोड़ रुपये का मूल्यांकन हुआ लेकिन कॉरिडोर की डिजाइन से लाइब्रेरी को किये जाने के कारण मामला ठंडे बस्ते में था ।
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